स्मोकिंग करना सिर्फ कैंसर का कारक ही नहीं है, याद्दाश्त का भी दुश्मन है। जो लोग बीडी अथवा सिगरेट पीने के लती होते हैं, और साथ ही तनाव भरा जीवन जीते हैं ऐसे लोग 55-60 की उम्र तक आते आते सामान्य विस्मृति के शिकार हो जाते हैं।
ऐसा दावा है अमेरिका के मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ रोजर बुलाक का। वे पिछले दिनों चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ के मानसिक स्वास्थ्य विभाग के चौथे स्थापना दिवस समारोह में भाग लेने आए थे।
डॉ रोजर ने कहा कि याद्दाश्त कम होना या फिर पूरी तरह से चले जाने की बीमारी को चिकित्सा विज्ञान की भाषा में डिमेंशिया कहते हैं। इस रोग में चपेट में आने वालें की संख्या लगातार बढ रही हैा धुम्रपान और तनाव इसके दो प्रमुख कारण हैं।
लगातार बीडी अथवा सिगरेट पीने से मस्तिष्क की महत्वपूर्ण कोशिकाएं प्रभावित होती हैं, जिससे स्मरण शक्ति कमजोर होने लगती है। यही कारण है कि जो लोग पांच साल या अधिक समय तक धुम्रपान करते हैं, ऐसे लोगों की 55 साल की आयु के बाद सोचने समझने की शक्ति दूसरों की तुलना में काफी कम हो जाती है।
अभी सिर्फ 8 प्रतिशत बुजुर्ग इस बीमारी के शिकार हैं, लेकिन जिस गति से धुम्रपान और तनाव बढ रहा है, उससे यह प्रतिशत काफी मात्रा में बढने की संभावना बन रही है।
इसलिए यदि आप धुम्रपान करते हैं, तो अभी से सावधान हो जाएं, अन्यथा ऐसा न हो कि आने वाले दिनों में आप स्मृतिलोप के शिकार हो जाएँ।
आप नियमित लिखते रहें.. मेरी शुभकामनाएँ!!
ReplyDeleteधूम्रपान छोड़ देना ही उचित है... और अगर धूम्रपान करना शुरु ही न करें तो बहुत ही अच्छा है।
ReplyDeleteनियमित लिखिये.. हिन्दी ब्लॉगिंग में आने पर आपको शुभकामनाएँ
शुभकामनाएं।
ReplyDeleteशुक्रिया।
धूम्रपान करने वालों को इस खबर पर ध्यान देना चाहिए और धूम्रपान से मुक्ति के उपाय करने चाहिए.अच्छी पोस्ट है .लिखते रहें.
ReplyDeleteहिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई, नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!
ReplyDeleteकृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें
इसे भी पढ़कर कुछ कहे :-
(आपने भी कभी तो जीवन में बनाये होंगे नियम ??)
http://oshotheone.blogspot.com/2010/09/blog-post_19.html
स्वागत है लिखते चलिये। दूसरों के चिट्ठौं पर भी टिप्पणी करें ताकि लोग आपको जाने।
ReplyDeleteकृपया वर्ड वेरीफिकेशन हटा लें। यह न केवल मेरी उम्र के लोगों को तंग करता है पर लोगों को टिप्पणी करने से भी हतोत्साहित करता है। आप चाहें तो इसकी जगह कमेंट मॉडरेशन का विकल्प ले लें।